भूगोल: एक परिचय एवं प्रगतिशील विज्ञान

भूगोल एक आकर्षक एवं मुग्ध करने वाला विषय है| जो हमारे लिए ज्ञान प्राप्त करने तथा आधुनिक विश्व को जानने के लिए असीम संभावनाएं प्रस्तुत करता है| साधारण शब्दों में भूगोल, पृथ्वी का वर्णन है| अर्थात भूगोल विश्व के विभिन्न भागों में उच्चावच, जलवायु, जलप्रवाह, वनस्पति, मृदा, आदि में पाई जाने वाली विविधताओं का वर्णन करता है|

विश्व मानचित्र
विश्व मानचित्र

भूगोल शब्द हिंदी के दो शब्दों से बना है भू-गोल, अर्थात पृथ्वी गोल है| भूगोल के लिए अंग्रेजी शब्द Geography है| यह शब्द दो यूनानी शब्द Geo+Graphy से मिलकर बना है| जहाँ Geo मतलब पृथ्वी एवं Graphy मतलब वर्णन या लिखना है| अतः Geography का शाब्दिक अर्थ पृथ्वी का वर्णन हुआ|

२३४ ई.पू. यूनान के प्रसिद्द विद्वान् एरेटास्थेनीज़ ने Geography शब्द का प्रयोग इस विषय पर अपनी परिभाषा देने के लिए किया था|

निष्कर्ष के रूप में यह कहा जा सकता है की भूगोल एक प्रगतिशील विज्ञान है, जिसका अध्ययन पृथ्वी की उत्पत्ति के साथ ही प्रारम्भ हो गया था| इस विषय में पृथ्वी तल का अध्ययन किया जाता है| और यह विषय वातावरण और पारिस्थितिकी का विज्ञान है, जो प्रादेशिक विषमताओं के अध्ययन पर आधारित है| इस विषय के अंतर्गत स्थानिक संगठनों की सरंचनाओं और पारस्परिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है|

भूगोल का अध्यनन की दृष्टि से विभाजन

भूगोल विषय की शाखाएं
भूगोल विषय की शाखाएं

इस विषय को हम मुख्यतः, दो भागों में विभाजित करके पढ़ेंगे| यह मुख्य दो भाग है,

  • भौतिकी
  • मानविक

भौतिकी को हम चार मुख्य भागों में विभाजित करते है| कुछ इस प्रकार,

  1. स्थलाकृतियां
  2. जलवायु
  3. जल
  4. मृदा
  5. वनस्पति

यहाँ पर एक बिंदु और ध्यान में रखने योग्य है, स्थलाकृतियां तीन प्रकार की होती है, जलोढ़, हिमनदीय एवं तटीय| हम इन सभी बिंदुओं के बारे में विस्तार से पढ़ेंगे हमारे इस भूगोल खंड में|

इसी प्रकार से मानविक को भी हम तीन भागों में विभाजित करते है| जो की इस प्रकार है,

  1. आर्थिक
  2. सामाजिक
  3. सांस्कृतिक

आर्थिक भूगोल को पुनः तीन भागों में विभाजित किया जाता है, जो की कृषिय, परिवहन एवं औद्योगिक आर्थिक भूगोल है|

अतः, यह था विषय का एक परिचय| आने वाले लेख में हम, उपर्युक्त लिखित बिन्दुओ का विस्तार से संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा की दृष्टि से अध्यनन करेंगे| मेरी कोशिश रहेगी की मैं हर बिंदु को मानचित्र की सहायता से समझाऊँ, ताकि यह विषय और अधिक आसानी से समझ आ सके|

साथ ही आप सभी से निवेदन है की, इस विषय को सदैव मानचित्र अपने साथ रख कर ही पढ़ें |

धन्यवाद एवं शुभेच्छा|