स्थलाकृतियों का वर्गीकरण: पर्वत, पठार एवं मैदान

स्थलाकृतियों का वर्गीकरण!!! अभी तक हमने भू-आकृति विज्ञान के मुख्य विभाजन एवं मुख्य संरचनाओं के बारें में मामूली रूप से जानकारी हासिल की| अब हम सभी स्थलाकृतियों की विस्तृत रूप से व्याख्या करते हुए पढ़ेंगे|

निर्माण के आधार पर स्थलाकृतियों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से हैं,

  • पर्वत,
  • पठार एवं
  • मैदान

स्थलाकृतियों का वर्गीकरण

इस पोस्ट में हम, मुख्यतः पर्वत स्थलाकृति का अध्ययन करेंगे| पर्वतों का निर्माण मुख्यरूप से निम्नलिखित प्रकार से होता हैं,

  • वलित पर्वत निर्माण (Fold Mountains),
  • खंड पर्वत निर्माण (Block Mountains),
  • ज्वालामुखी द्वारा पर्वत निर्माण (Volcanic Mountains) एवं
  • अवशिष्ट पर्वत निर्माण (Residual Mountains)|
स्थलाकृतियों का वर्गीकरण: पर्वतों का निर्माण
स्थलाकृतियों का वर्गीकरण: पर्वतों का निर्माण

वलन या मोड़ पर्वत


जब दो प्लेटें आपस में टकराती हैं तो संपीडन (Compression) की क्रिया होती हैं| इससे चट्टानें मुड़ती हैं| और उनमे सिलवटें पड़ जाती हैं| अतः संपीडनात्मक गतियों के प्रभाव से शैल स्तरों में निरंतर विकसित वलन को ही वलन क्रिया कहते हैं| इस प्रकिया से बनने वाले पर्वत को हम वलित पर्वत (Fold Mountains) कहते हैं|

स्थलाकृतियों का वर्गीकरण: वलन या मोड़ पर्वत
स्थलाकृतियों का वर्गीकरण: वलन या मोड़ पर्वत

वर्तमान समय में सभी बड़े पर्वत वलित पर्वतों की श्रेणी में हैं| इस श्रेणी में एशिया का हिमालय (The Great Himalayan Range), यूरोप का ऐल्प्स (The Alpes), उत्तरी अमेरिका का रॉकी (Rocky Mountain) और अप्लेशियन (Aplechian Mountain) पर्वत एवं दक्षिणी अमेरिका का एंडीज (Andes Mountain Range) पर्वत सम्मिलित हैं|

वलित पर्वतों के निर्माण का आधुनिक सिद्धांत प्लेट विवर्तनिकी (Plate Tectonics) की संकल्पना पर आधारित हैं|

विभंग एवं भ्रंश पर्वत

विभंग

जब पृथ्वी पर भू-संचलन की क्रिया क्षैतिज अवस्था में होती हैं, तो धरातल की सतह चटकने लगती हैं| इस प्रकार की क्रिया से धरातल में दरार पड़ने लगती हैं|
जब तनाव बढ़ता हैं तो चट्टानें घटने लगती हैं| और यदि चट्टानें अपना स्थान नहीं बदलें तो वहां संधियां पड़ जाती हैं| जिस तल के सहारे ऐसी चट्टानें टूटनी हैं, उसे विभंग कहते हैं|

नर्मदा एवं तापी नदी घाटियों के मध्यस्थित सतपुड़ा पर्वत विभंग पर्वत का उदाहरण हैं|

भ्रंश

स्थलाकृतियों का वर्गीकरण: भ्रंश के प्रकार
स्थलाकृतियों का वर्गीकरण: भ्रंश के प्रकार

जब चट्टानों में तनाव (Tension) के कारण फटन के साथ साथ स्थान भी परिवर्तन होने लगे तो उसे भ्रंश कहते हैं| अर्थात जब तनाव एवं संपीडन की तीव्रता के कारण चट्टानें टूटकर दूर खिसकती हैं या उनमे विस्थापन होता हैं, तो उसे भ्रंश कहते हैं|

भ्रंश घाटी पर्वतों के उदाहरण निम्नलिखित हैं,

  • वॉसगेस (Vosges) एवं ब्लैक फारेस्ट (Black Forest) (फ्रांस और जर्मनी के पर्वत)| इन दोनों पर्वतों के दूर (विस्थापन) जाने से राइन (Rhine) नदी घाटी बनती हैं|
  • सिएरा नेवडा पर्वत (Sierra Nevada Mountains), उत्तरी अमेरिका |

तो इस प्रकार हमने वलित, विभंग एवं भ्रंश पर्वतों के विषय में पढ़ा| आगे आने वाली पोस्ट में, हम स्थलाकृतियों के दूसरे प्रकारों का भी अध्ययन करेंगे|
धन्यवाद एवं शुभेच्छा| 😊