Apna ज्ञान में आपका स्वागत है, यहाँ आपको संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा के लिए पूरा पाठ्यक्रम मिलेगा। सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक माना जाता है।
सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है:-
चरण 1: सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार)
चरण 2: सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (लिखित परीक्षा)
चरण 3: व्यक्तिगत साक्षात्कार (व्यक्तित्व परीक्षण)
प्रारम्भिक परीक्षा
प्रश्नपत्र | विषय | पूर्णांक | अवधि |
1 | सामान्य अध्ययन | 200 | 2 घंटे |
2 | CSAT | 200 | 2 घंटे |
प्रारम्भिक परीक्षा पाठ्यक्रम – प्रश्नपत्र 1(सामान्य अध्ययन )
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वर्तमान घटनाएं
- भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन
- भारत एंव विश्व भूगोल – भारत और दुनिया का प्राकृतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल
- भारतीय राजतंत्र और शासन – संविधान, राजनीतिक प्रणाली, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकारों के मुद्दे आदि
- आर्थिक एंव सामाजिक विकास, सतत टिकने वाला विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहलें आदि
- पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य/ज्वलंत मुद्दे
- सामान्य विज्ञान
प्रारम्भिक परीक्षा पाठ्यक्रम – प्रश्नपत्र 2 (CSAT)
- बोधगम्यता (Comprehension)
- संचार कौशल सहित अंतर व्यक्तिक कौशल (Interpersonal skills including communication skills) सहित
- तार्किक कौशल एंव विश्लेषणात्मक क्षमता (Logical reasoning and analytical ability)
- निर्णय लेना और समस्या समाधान (Decision making and analytical ability)
- सामान्य मानसिक योग्यता (General mental ability)
- आधारभूत संख्यात्मक योग्यता, संख्याएँ और उनमें आपसी-संबंध (numbers and their relations, orders of magnitude, आदि) (दसवीं कक्षा के स्तर का), डेटा इंटरप्रिटेशन (Data interpretation) चार्ट, ग्राफ, टेबल, डेटा पर्याप्तता (data sufficiency) आदि – (दसवीं कक्षा के स्तर का)।
मुख्य परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में लिखित परीक्षा (मुख्य) में कुल नौ पेपर होंगे. लेकिन उनमें से केवल 7 पेपर के मार्क्स अंतिम मेरिट रैंकिंग के लिए जोड़े जाएगें। बाकी दो सिर्फ क्वालीफाइंग पेपर होंगे ।
मुख्य परीक्षा की वर्तमान प्रणाली इस प्रकार है-
प्रश्नपत्र-‘क’ | अंग्रेज़ी भाषा ( क्वालिफाइंग ) | ३०० अंक |
प्रश्नपत्र-‘ख’ | हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा ( क्वालिफाइंग ) | ३०० अंक |
प्रश्नपत्र-1 | निबंध | २५० अंक |
प्रश्नपत्र-2 | सामान्य अध्ययन-1: (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज) | २५० अंक |
प्रश्नपत्र-3 | सामान्य अध्ययन-2: (शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध) | २५० अंक |
प्रश्नपत्र-4 | सामान्य अध्ययन-3: (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा- प्रबंधन) | २५० अंक |
प्रश्नपत्र-5 | सामान्य अध्ययन-4: (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति) | २५० अंक |
प्रश्नपत्र-6 | वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-1 | २५० अंक |
प्रश्नपत्र-7 | वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-2 | २५० अंक |
उप-योग (लिखित परीक्षा) | १७५०अंक | |
व्यक्तित्व परीक्षण | २७५ अंक | |
कुल योग | २०२५ अंक |
सिविल सेवा मुख्य परीक्षा विस्तृत पाठ्यक्रम
पेपर – क – भारतीय भाषा – भारतीय भाषाओं में से एक भाषा, जो संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल है इस पेपर का पूर्णांक 300 है । इस पेपर में क्वालीफाइंग मार्क्स 90 है यानी 30%.
- बोधगम्यता ( Comprehension of given passages )
- संक्षिप्त लेखन ( Precis Writing )
- शब्द प्रयोग व शब्द भण्डार ( Usage and Vocabulary )
- संक्षिप्त लेख ( Short Essay )
- अंग्रेजी से भारतीय भाषा तथा भारतीय भाषा से अंग्रेजी में ( Translation from English to the Indian language and vice‐versa )
पेपर – ख- अंग्रेजी भाषा इस पेपर का पूर्णांक 300 है. इस पेपर में क्वालीफाइंग मार्क्स 75 है यानी 25%.
- Comprehension of given passages
- Precis Writing
- Usage and Vocabulary
- Short Essay
प्रश्नपत्र १
निबंध – उम्मीदवारों को एक विशिष्ट विषय पर एक निबंध लिखना आवश्यक होगा। विषयों का विकल्प दिया जाएगा। उनसे उम्मीद की जायेगी कि अपने विचारों को व्यवस्थित रूप से और संक्षिप्त रूप से निबंध को विषय के करीब रहकर लिखने का प्रयास करे।
प्रश्नपत्र २
सामान्य अध्ययन- I : भारतीय विरासत और संस्कृति, इतिहास और विश्व का भूगोल और समाज
- भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
- 18वी सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्वपूर्ण घटनाए, व्यक्तित्व, विषय ।
- स्वतंत्रता संग्राम — इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों में इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान ।
- स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अन्दर एकीकरण एवं पुनर्गठन ।
- विश्व के इतिहास में १८वी सदी की घटनाए यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमओं का पुन: सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद कि समाप्ति, राजनितिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव ।
- भारतीय समाज कि मुख्य विशेषता, भारत कि विविधता ।
- महिलाओ कि भूमिका और महिला संगठन, जनसँख्या एवं सम्बद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय ।
- भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव ।
- सामाजिक सशक्तिकरण, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मं- निरपेक्षता ।
- विश्व के भौतिक भूगोल कि मुख्य विशेषताए ।
- विश्वभर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक, और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदार कारक ।
- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाए, भूगोलीय विशेषताए और उनके स्थान — अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताए (जल-स्त्रोत और हिमावरण सहित ) और वनस्पति और प्राणी जगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव ।
प्रश्नपत्र ३
सामान्य अध्ययन II : शासन व्यवस्था, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय संबंध
- भारतीय संविधान – एतिहासिक आधार, विकास, विशेताए, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना ।
- संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उतरदायित्व, संघीय ढांचे से सम्बंधित विषय एवं चुनौतिया, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतिया ।
- विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का प्र्रथ्क्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान ।
- भारतीय संवेधानिक योजना की अन्य देशो से तुलना ।
- संसद और राज्य विधायिका – संरचना, कार्य-संचालन, शक्तिया और विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय ।
- कार्यपालिका और न्यायपालिका कि संरचना, संघठन और कार्य – सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उसकीं भूमिका ।
- जन प्रतिनिधि अधिनियम की मुख्य विशेताए ।
- विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तिया, कार्य और उत्तरदायित्व ।
- संविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध -न्यायिक निकाय ।
- सरकारी नीतियों एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वन के कारण उत्पन्न विषय ।
- विकास प्रकिया तथा विकास उद्योग — गैर सरकारी संगठनो, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघो, दानकर्ताओ, लोकोपकारी संस्थाओ, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका ।
- केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसँख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाये और इन योजनाओ का कार्य – निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गों कि रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान और निकाय ।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से सम्बंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओ के विकास और प्रबंधन से सम्बंधित विषय ।
- गरीबी और भूख से सम्बंधित विषय ।
- शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई – गवर्नेंस– अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताए, सीमाए और संभावनाए: नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय ।
- लोकतंत्र में सिविल सेवाओ की भूमिका ।
- भारत एवं इसके पडोसी – संबंध ।
- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से सम्बंधित और/अथवा भारत के हितो को प्रभावित करने वाले कारक ।
- भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशो की नीतियां तथा राजनीती का प्रभाव ।
- महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाए और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश ।
प्रश्नपत्र ४
सामान्य अध्ययन III : प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन
- भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से सम्बंधित विषय ।
- समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय ।
- सरकारी बजट ।
- मुख्य फसले- देश के विभिन्न भागों में फसलो का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भण्डारण, परिवहन तथा विपणन, सम्बंधित विषय तथा बाधाए: किसानो कि सहायता के लिए ई- प्रोद्योगीकी ।
- प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूतम समर्थन मूल्य से सम्बंधित विषय; जन वितरण प्रणाली — उद्देश्य, कार्य, सीमाए, सुधार; बफर स्टाक तथा खाद्य सुरक्षा सम्बन्धी विषय; प्रोद्योगिकी मिशन; पशु पालन सम्बन्धी अर्थशास्त्र ।
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं सम्बंधित उद्योग – कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, उपरी और नीचे की अपेक्षाए, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन ।
- भारत में भूमि सुधार ।
- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इसका प्रभाव ।
- बुनियादी ढांचा : ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि ।
- निवेश मॉडल ।
- विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव ।
- विज्ञानएवं प्रोद्योगिकी में भारतीयों कि उपलब्धिया; देशज रूप से प्रोद्योगिकीका विकास और नई प्रोद्योगिकी का विकास ।
- सूचना प्रोद्योगिकी, अन्तरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायो-टेक्नोलॉजी और बोद्धिक सम्पदा अधिकारों से सम्बंधित विषयों के संबंध में जागरूकता ।
- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आंकलन ।
- आपदा और आपदा प्रबंधन ।
- विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध ।
- आन्तरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों कि भूमिका ।
- संचार नेटवर्क के माध्यम से आतंरिक सुरक्षा को चुनौती, आतंरिक सुरक्षा चुनौतियोंमें मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साईटो कि भूमिका, साइबर सुरक्षा कि बुनियादी बाते, धन- शोधन और इसे रोकना ।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतिया एवं उसका प्रबंधन – संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध ।
- विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाए तथा उनके अधिदेश ।
प्रश्नपत्र ५
सामान्य अध्ययन III : नैतिकता, ईमानदारी और एप्टीट्यूड
इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे सार्वजानिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से सम्बंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से अचार- व्यव्हार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओ के समाधान को लेकर उनकी मनोवृति का परीक्षण करेंगे । इन आयामों का निर्धारण करने के लिए प्रश्न-पत्रों में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जाता है । मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा:
- नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध : मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, इसके निर्धारक और परिणाम: नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधो में नीतिशास्त्र । मानवीय मूल्य- महान नेताओ, सुध्राको और प्रशासको के जीवन तथा उनके उपदेशो से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओ की भूमिका ।
- अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण।
- सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।
- भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
- भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
- लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।
- शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
- उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)।
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